रविवार, 28 जून 2020

प्यार ज़िंदगी-2 (नागपुरी हिन्दी कहानी )

SCENE NO.2 EXT+INT/DAY-JAY’S HOUSE
CHARACTER-JAY
(जय अपने घर आता है और अपने पिताजी के आलमाड़ी से चुके से दस हज़ार रूपय चोरी करके ले जाता है |)

Cut To

SCENE NO.3 INT/DAY-TEA STALL
CHARACTER-JAY, STALL OWNER & TEA BOY
(जय पैसे लेकर चाय की दुकान पहुंचता है |)
जय:
ले तोर दस हज़ार रुपया ! गन ले पूरा हेइक ! अब ईके छोइड दे ?
मालिक:
अरे वह इतना जल्दी केने से लेईके आले ?
जय:
मोय तोके कही रहो नि तोय आम खा गुठली के नि  गनबे !
मालिक:
ठीक हेइक लेईके जा ! मोर हिसाब बराबर !
जय:
हिसाब बराबर नि होलक !
मालिक:
का कहले !
जय:
हाँ तोय ठीक सुनले ! हिसाब बराबर नि होलक एखन होबी !

(जय दुकान मालिक को पूरा मारता है और वहाँ से दोनों भाग जाते है |)
मालिक:
आ उ आ ! अरे बाप रे ! हगे आयो ! अरे नही ! आ उ आ ! बाप रे केतना मारलक ! मोर शरीर कर पूरा हड्डी तोईड देलक ! आ उ आ !
FADE OUT

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